Wednesday, May 9, 2012

HPTET : नौकरी के लिए जेबीटी प्रशिक्षित करेंगे आमरण अनशन

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HPTET : नौकरी के लिए जेबीटी प्रशिक्षित करेंगे आमरण अनशन




जागरण प्रतिनिधि, सोलन : प्रशिक्षित जेबीटी बेरोजगार अब अपनी नियुक्ति के लिए आमरण अनशन करेंगे। प्रशिक्षित जेबीटी बेरोजगारों का प्रतिनिधिमंडल सोलन की उपायुक्त से प्रदेशाध्यक्ष चंद्रमोहन नेगी की अध्यक्षता में मंगलवार को मिला और उनके माध्यम से मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।
प्रशिक्षित जेबीटी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक सोलन में प्रदेशाध्यक्ष चंद्रमोहन नेगी की अध्यक्षता में हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि वह आठ दिन से अनशन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनके प्रति गंभीर नहीं है। सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं करती तो वह जल्द ही शिमला में अपना आमरण अनशन शुरू करेंगे। बैठक के बाद चिल्ड्रन पार्क से उपायुक्त कार्यालय तक रैली भी निकाली गई। इसके बाद उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया। बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष जोगिंद्रपाल, विनोद, मकालू वर्मा, विपिन, श्यामलाल, अनिल ठाकुर, दीक्षित, पूर्णचंद, नरेश कुमार, राकेश, अर्चना, पूनम, उर्मिला, ममता, नीलम, विनोद, नरेंद्र ने भाग लिया।
संघ का कहना है कि वह लंबे समय से अपनी नियुक्ति संबंधी मांग को सरकार के समक्ष रखते आए हैं। वह अपनी नियुक्ति को लेकर मानसिक रूप से दुखी हो चुके हैं और एक सप्ताह से क्रमिक अनशन कर रहे हैं। मंगलवार को सोलन में उर्मिला व ममता अनशन पर बैठी।

News : Jagran (9.5.12)

HPTET : जेबीटी प्रशिक्षुओं की दूसरे दिन भी हड़ताल जारी

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जेबीटी प्रशिक्षुओं की दूसरे दिन भी हड़ताल जारी



जेबीटी प्रशिक्षित बैच 2008-10 का क्रमिक अनशन दूसरे दिन में प्रवेश कर गया है। यह सब प्रदेश सरकार के अडिय़ल और गलत नीति के कारण हुआ है। जेबीटी प्रशिक्षुओं का कहना है कि प्रदेश सरकार ने आजतक नौकरी के नाम पर केवल आश्वासन ही दिया है।
प्रदेश सरकार ने पहले भूतपूर्व सैनिकों की नौकरी का बहाना किया और उसके बाद नालागढ़ और रेणुका चुनावों का बहाना किया। उसके बाद केवल इसी बैच 2008-10 के पांच प्रशिक्षितों को नौकरी दी। आगे की प्रक्रिया फिर रोक दी है। नौकरी देने से बचने के लिए प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग ने टीईटी करवाने का एक नया शिगूफा छोड़ दिया है। केवल पांच लोगों को टीईटी में राहत किस आधार पर दी गई। इस बैच 2008-10 की अधिसूचना 2008 में निकल चुकी है। जबकि आरटीआई एक्ट के तहत टीईटी 2010 में लागू हुआ है। इसलिए नए संशोधित नियम बैच 2008-10 पर लागू नहीं होते है। यदि बीच में कोई संशोधित होता है तो वह संशोधन के बाद की अधिसूचना पर प्रभावी होता है। मंगलवार को क्रमिक अनशन पर पूर्ण और कुशाला बैठे हैं।

News : bhaskar.com (9.5.12)

HPTET : जेबीटी प्रशिक्षित महासंघ भड़का

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जेबीटी प्रशिक्षित महासंघ भड़का


चंबा। जेबीटी प्रशिक्षितों ने भी अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। जेबीटी प्रशिक्षित महासंघ के जिलाध्यक्ष हुगत राम खन्ना का कहना है कि विभाग व सरकार दिन प्रतिदिन गिरगिट की तरह अपना रंग बदल कर जेबीटी प्रशिक्षितों पर नये-नये नियम थोप रहे हैं। प्रशिक्षण प्राप्त जेबीटी पिछले 18 माह से मानसिक प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 1 अप्रैल 2010 को लागू हुआ था और इसमें स्पष्ट लिखा गया था कि सरकार नवंबर 2013 तक अपने स्तर पर टीईटी में छूट दे सकती है। इसके बावजूद सरकार व विभाग टेट करवाने के लिए आमदा है। 
उन्होंने कहा कि उनका बैच 2008 में शुरू हुआ था और बाकायदा इसके लिए नोटिफिकेशन 2007 में की गई थी। ऐसे में उन पर टेट थोपना उचित नहीं है। इसके अलावा सरकार ने अब वोट बैंक की राजनीति को देखते हुए बाहरी राज्यों से रातोंरात खरीदकर डिग्री लाने वाले एनटीटी व ईटीटी प्रशिक्षितों को भी जेबीटी के सामान दर्जा देकर टेट में बैठने की अनुमति दे दी है। इसका संघ कड़ा विरोध करता है। प्रशिक्षिताें का कहना है कि अगर बाहरी राज्यों से प्रशिक्षित ईटीटी व एनटीटी हिमाचल में जेबीटी के पात्र हैं, तो उनका बैच क्यों बैठाया गया था। सरकार बेरोजगारों को छलने के लिए आगामी रणनीति भी बना रही है। इसके तहत हर वर्ष जेबीटी का बैच बैठाया जाएगा। 
संघ का कहना है कि अगर सरकार ने प्रशिक्षितों को एकमुश्त नियुक्तियां नहीं दीं, तो प्रशिक्षित किसी भी हद तक जा सकते हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार व लाल फीताशाही पूरी तरह से जिम्मेवार होगी। साथ ही प्रशिक्षितों ने एक विशाल रैली का आयोजन कर सरकार व विभाग के गलत निर्णयों के विरुद्ध जमकर गुब्बार निकाला। उनका कहना है कि सरकार अपने तुगलकी फरमानों को तुरंत वापस ले। जिस तरह से उनके बैच में से ही भूतपूर्व सैनिकों की नियुक्तियाें प्रदान की गई है। उसी तर्ज पर सभी जेबीटी प्रशिक्षितों को शीघ्र अति शीघ्र नियुक्तियां प्रदान की जाएं। 
प्रशिक्षितों ने उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम प्रेषित ज्ञापन में मांग की है कि पेचीदा विषय में स्वयं दखल देकर इसे सुलझाएं। वहीं प्रशिक्षितों का अनशन लगातार चौथे दिन में प्रवेश कर गया

News : Amar Ujala (8.5.12)


HPTET : जेबीटी प्रशिक्षुओं ने किया कक्षाओं का बहिष्कार


HPTET : जेबीटी प्रशिक्षुओं ने किया कक्षाओं का बहिष्कार


Himachal Pradesh TET Examination News

कार्यालय संवाददाता, धर्मशाला : प्रदेश सरकार के फैसले पर जेबीटी प्रशिक्षुओं ने शनिवार को कक्षाओं का बहिष्कार किया। उन्होंने टेट में एनटीटी व ईटीटी को शामिल करने पर इस वर्ग ने अपने साथ भेदभाव बताया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
जिला जेबीटी संघ के प्रधान शुभेंदु, महासचिव राजेश सूर्यवंशी, संयुक्तसचिव पुष्पिंद,्र सदस्य ओमप्रकाश, अभिषेक, विकास व नंद लाल ने कहा कि पहले सरकार ने टेट की शर्त थोपी। अब एनटीटी और ईटीटी को भी इसमें शामिल कर उनके भविष्य को सरकार ने बर्बाद करने की तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षु पहले ही मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। ऐसे निर्णय से उनका मनोबल और गिरेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। एक साल वाली डिग्रियों को सरकार जेबीटी के बराबर मान रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ अपने संस्थानों में उन्हें प्रशिक्षण दे रही है, वहीं दूसरी ओर ऐसा कर युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस निर्णय को तुरंत वापस ले। ऐसा न होने पर प्रशिक्षु सोमवार से हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होंगे। वहीं, बेरोजगार एवं अपंग कल्याण संस्था के प्रदेश अध्यक्ष तकदीर सिंह ने जेबीटी प्रशिक्षुओं की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने सरकार से फैसले को बदलने का आग्रह किया है


News : Jagran (6.5.12)

Thursday, April 19, 2012

Himachal Pradesh : कर्मचारियों को सरकार का एक और तोहफा


Himachal Pradesh : कर्मचारियों को सरकार का एक और तोहफा 

 मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग और विकलांग श्रेणी के उम्मीदवारों को टी.जी.टी. (कला, मैडीकल एवं नॉन-मैडीकल), शास्त्री, भाषा अध्यापक और जे.बी.टी. के लिए आवश्यक अध्यापक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी.) परीक्षा के न्यूनतम अर्हता अंकों में 5 प्रतिशत छूट देने को स्वीकृति प्रदान की।



कर्मचारियों को सरकार का एक और तोहफा : -


मंत्रिमंडल के निर्णय : सचिवालय काडर के कर्मचारियों को पंजाब की तर्ज पर संशोधित वेतन जारी; आई.पी.एच. विभाग 150 पंप आप्रेटर अनुबंध पर करेगा नियुक्त, 3243 ग्राम पंचायतों में व्यायामशालाएं खोलने को स्वीकृति, 24 वरिष्ठ सर्वेक्षक कनिष्ठ अभियंता पदोन्नत, जे.बी.टी. के लिए टी.ई.टी. अनिवार्य शिमला : प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में हिमाचल प्रदेश सचिवालय, राज्यपाल सचिवालय, राज्य लोक सेवा आयोग, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय, हिमाचल प्रदेश विधानसभा और लोकायुक्त में कार्यरत कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों को पंजाब सरकार की तर्ज पर प्रथम दिसम्बर, 2011 से संशोधित सचिवालय वेतन जारी करने को स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में मंत्रिमंडल ने प्रदेश की सभी 3243 ग्राम पंचायतों में व्यायामशालाएं खोलने को स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमंडल ने शिमला नियोजन क्षेत्र के लिए विकास योजना के लिए शहर एवं नगर नियोजन विभाग के प्रस्तावों को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की। बैठक में निर्णय लिया गया कि नगर निगम द्वारा हरित क्षेत्र में पहले खाली प्लाटों के अधिग्रहण की संभावनाआका पता लगाया जाएगा। बैठक में हिमाचल प्रदेश शहरी एवं नगर नियोजन नियम, 1978 में क्रमांक 1 एवं 2 (अ) के स्थान पर क्रमांक 1, 2 तथा नियम 19-ई के उप नियम (3) के 2 के संशोधन को स्वीकृति प्रदान की। बैठक में लोगों की आपत्तियों को आमंत्रित करने के लिए अधिसूचना का प्रारूप जारी करने का निर्णय लिया गया।
इसके पश्चात प्रस्तावित संशोधनों पर प्राप्त आपत्तियों एवं सुझावों के मद्देनजर मंत्रिमंडल द्वारा विचार किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने स्नातकोत्तर डिग्रीधारक विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारियों को उच्च शिक्षा भत्ते के रूप में 5000 रुपए प्रतिमाह तथा चिकित्सा विज्ञान के अन्य क्षेत्रों में डिप्लोमाधारक अन्यों को 2000 रुपए प्रतिमाह उच्च शिक्षा भत्ते के रूप में प्रदान करने का निर्णय लिया है।
बैठक में ङ्क्षसचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध आधार पर पंप आप्रेटरों के 150 पद भरने को स्वीकृति प्रदान की गई। मंडी में कार्यरत ङ्क्षसचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के मंडल को दो अनुभागों के प्रशासनिक नियंत्रण के साथ मंडी जिला के साईगलू में स्थानांतरित करने को स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने 24 वरिष्ठ सर्वेक्षक जिन्होंने 25 वर्ष का सेवाकाल पूरा कर लिया है और जिनके पास आई.टी.आई. का प्रमाणपत्र है, को कनिष्ठ अभियंता (सिविल) के पद पर पदोन्नत करने को स्वीकृति दी। इसके लिए काडर विशेष के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में छूट दी जाएगी। बैठक में हाल ही में सृजित अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक मामले विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 21 पदों को भरने, आर्थिकी एवं सांख्यिकी विभाग में को-टर्मिनस के आधार पर विभिन्न श्रेणियों के 6 पदों को भरने की स्वीकृति दी गई। बैठक में छठे आर्थिक सर्वेक्षण के तहत केंद्र प्रायोजित योजनाआ को कार्यान्वित करने का निर्णय लिया गया तथा शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को कार्यान्वित करने के लिए विभिन्न श्रेणियों के 26 पदों को भरने के अतिरिक्त 6 पदों को यथावत रखने का निर्णय लिया गया। बैठक में वित्त विभाग में नियंत्रक (वित्त एवं लेखा) के 3 पद और हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में दिहाड़ी के आधार पर चालक के 2 पद भरने को स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग और विकलांग श्रेणी के उम्मीदवारों को टी.जी.टी. (कला, मैडीकल एवं नॉन-मैडीकल), शास्त्री, भाषा अध्यापक और जे.बी.टी. के लिए आवश्यक अध्यापक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी.) परीक्षा के न्यूनतम अर्हता अंकों में 5 प्रतिशत छूट देने को स्वीकृति प्रदान की।
शिक्षा के अधिनियम 2009 के प्रावधानों तथा भारत सरकार के निर्णय के दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के माध्यम से जे.बी.टी. के लिए टी.ई.टी. संचालित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में हिमुडा में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग में उप सचिव (नॉन-एच.ए.एस.), मत्स्य विभाग में उपनिदेशक (मत्स्य) (प्रथम श्रेणी राजपत्रित), पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग में निरीक्षक (होटल) और शहरी विकास विभाग में कनिष्ठ अभियंता (सिविल) के पदों के लिए नवीन तथा संशोधित भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को अपनाने को स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने कुल्लू जिला के सैंज मेले का दर्जा बढ़ाकर इसे जिला स्तर का करने के लिए स्वीकृति दी। बैठक में हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति निगम के उपाध्यक्ष के लिए एक महिन्द्रा बोलैरो, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी मंडी के लिए एक स्विफ्ट डिजायर और गृह विभाग की एन.डी.पी.एस. इकाई के लिए एक टवेरा वाहन खरीदने को स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमंडल ने महाराजा अग्रसेन तकनीकी शिक्षा सोसायटी और ए.पी. गोयल चैरिटेबल ट्रस्ट के सम्बन्ध में अनुपालना रिपोर्ट स्वीकार करने को स्वीकृति प्रदान की। बैठक में निर्णय लिया गया कि शिमला जिले के डोडराक्वार, लाहौल-स्पीति और चम्बा जिला के पांगी क्षेत्र में निष्पादन के लिए आबंटित जलविद्युत परियोजनाआ की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की समय सीमा को यहां की दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों और कम श्रम दिवसों को देखते हुए बढ़ाकर 36 माह किया जाए। मंत्रिमंडल ने उन जलविद्युत परियोजनाआें को समय विस्तार देने को स्वीकृति प्रदान की जो निष्पादन के अग्रिम चरण में हैं। इन परियोजनाओ से विस्तार शुल्क के रूप में 10 हजार रुपए प्रति मैगावाट प्रति माह वसूला जाएगा। इस राशि को स्वीकृति पत्र मिलने के 30 दिनों के भीतर जमा करवाना होगा ताकि स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादक स्वीकृति प्राप्त कर निर्धारित समय सीमा में कार्य आरम्भ कर पाएं। स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादकों को समय विस्तार शुल्क न जमा करवाने की स्थिति में 12 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा। इन पर जलविद्युत नीति के सभी नवीनतम प्रावधान लागू होंगे। बैठक में चम्बा जिले की अप्पर छांजू और लोअर छांजू जलविद्युत परियोजनाआें द्वारा समझौता ज्ञापन के प्रावधानों को लागू न करने पर इनके समझौता ज्ञापन समाप्त करने को स्वीकृति प्रदान की गई। आज यहां आयोजित बैठक में राज्य के उन स्थायी निवासियों को सामाजिक सुरक्षा पैंशन के दायरे में लाने का निर्णय लिया गया जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है तथा जो शिमला जिला के बसंतपुर, मंडी जिला के भंगरोटू और कांगड़ा जिला के बैजनाथ के वृद्धाश्रमों में रह रहे हैं तथा जो योजना की अन्य आवश्यकताओ को पूरा करते हैं।


News : The Punjab Kesri (18.4.12)


HPTET / Himachal Pradesh TET - Teacher Eligibilty Test : जेबीटी को नौकरी के लिए करना होगा इंतजार


HPTET / Himachal Pradesh TET - Teacher Eligibilty Test :  जेबीटी को नौकरी के लिए करना होगा इंतजार


 शिमला : प्रदेश में जेबीटी का प्रशिक्षण प्राप्त करने बाद नौकरी के लिए अब लाइन में लगना पड़ेगा। मौजूदा समय में प्रदेश में करीब 2300 प्रशिक्षित जेबीटी हैं, जिन्हें नौकरी के लिए हाथ-पांव मारने पड़ रहे हैं। अगले वर्ष भी जेबीटी का एक बैच प्रशिक्षण पूरा करने वाला है। इसमें भी करीब 2500 जेबीटी प्रशिक्षु प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रदेश में कुल 10711 प्राथमिक पाठशालाएं हैं। इनमें लगभग एक हजार जेबीटी के पद रिक्त हैं। आरटीई के अनुसार स्कूलों में जेबीटी तैनात करने के लिए नए कानूनों का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में जेबीटी के लिए भी अध्यापक पात्रता परीक्षा (टेट) को अनिवार्य किया गया है। अब तक जेबीटी के लिए टेट का आयोजन भी नहीं किया गया है। हालांकि जेबीटी प्रशिक्षित इसका विरोध कर रहे हैं, लेकिन नए प्रावधानों के अनुसार अब इससे बचा नहीं जा सकेगा।

जेबीटी प्रशिक्षितों की हर सत्र के बाद बढ़ रही फेहरिस्त और प्रदेश में बंद हो रहे स्कूलों ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। निजी स्कूलों की चकाचौंध व अंग्रेजी के प्रभाव के चलते अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में नहीं भेज रहे हैं। सरकार को स्कूलों में घट रही बच्चों की संख्या के चलते खुले स्कूल को भी समीपवर्ती स्कूलों में विलय करना पड़ रहा है। लिहाजा आने वाले समय में जेबीटी प्रशिक्षितों की लाइन और लंबी होती चली जाएगी।

'रिक्त पदों के हिसाब से ही जेबीटी को तैनात किया जाता है।'

एमएल आजाद, अतिरिक्त निदेशक, शिक्षा विभाग।

News : Jagran (19.4.12)

Thursday, March 1, 2012

Himachal Pradesh Publice Service / Administrative Service : Highcourt gives relief for WRONG QUESTIONS

एचएएस अभ्यर्थियों को हाइकोर्ट से राहत
(Himachal Pradesh Publice Service / Administrative Service : Highcourt gives relief for WRONG QUESTIONS)

-लोक सेवा आयोग को प्रश्नों के गलत उत्तर के मामले में अंक देने का निर्देश
विधि संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने एचएएस की प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्नों के गलत उत्तर के मामले में याचिकाकर्ताओं को राहत प्रदान की है। उच्च न्यायालय ने लोक सेवा आयोग को निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ताओं द्वारा दिए गए उत्तरों के नंबर प्रदान किए जाएं। न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं के उन प्रश्नों के उत्तरों के नंबर देने के आयोग को निर्देश दिए हैं जो दूसरी बार विशेषज्ञों की राय के बाद सही पाए गए। मुख्य न्यायाधीश कुरियन जोसफ व न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी की खडपीठ ने अभ्यर्थियों की करीब 43 याचिकाओं का निपटारा करते हुए उपरोक्त आदेश पारित किए। न्यायालय ने कहा कि अभ्यर्थियों की करीब 12 हजार की संख्या को देखते हुए उपरोक्त आदेशों का लाभ प्रदान किया है।